The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • Podcast
  • सरोकार
  • छत्तीसगढ़
  • वीडियो
  • More
    • English
    • स्क्रीन
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • आंकड़ा कहता है
    • टेक्नोलॉजी-ऑटोमोबाइल्‍स
    • धर्म
    • नौकरी
    • लेंस अभिमत
    • साहित्य-कला-संस्कृति
    • सेहत-लाइफस्‍टाइल
    • अर्थ
Latest News
अमिताभ जैन का उत्तराधिकारी खोजने में छूटा पसीना, रेणु पिल्ले के नाम की चर्चा क्‍यों नहीं
पहलगाम हमला मानवता और कश्मीरियत पर हमला : पीएम मोदी
रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती, झूम उठा शेयर बाजार,  सेंसेक्‍स 82 हजार के पार
भारतीय मूल का दवा कारोबारी अमेरिका में गिरफ्तार, 149 मिलियन डॉलर की धोखाधड़ी
रायपुर के 4 स्कूलों का होगा युक्तियुक्तकरण, कलेक्टर बोले– दावा आपत्ति के लिए खुले हैं दरवाजे
पुतिन ट्रम्प की बातचीत में उठा ऑपरेशन सिंदूर का मामला, क्रेमलिन ने कहा ट्रंप ने युद्ध रुकवा दिया
ट्रंप और मस्क की जिगरी दोस्ती टूटी, एक दूसरे पर आरोपों की बौछार
Raipur Breaking: महादेव घाट इलाके में मनचलों ने लड़कियों से की मारपीट, एक युवती की उंगली काटी, मुंह और शरीर पर आई गंभीर चोटें
छत्तीसगढ़ में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में शिक्षकों को राहत, दावा-आपत्ति को लेकर हाईकोर्ट का आदेश
बेंगलुरु भगदड़ : आरसीबीए, केएससीए और इवेंट कंपनी के खिलाफ एफआईआर
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • देश
  • दुनिया
  • लेंस रिपोर्ट
  • Podcast
  • सरोकार
  • छत्तीसगढ़
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • Podcast
  • सरोकार
  • छत्तीसगढ़
  • वीडियो
  • More
    • English
    • स्क्रीन
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • आंकड़ा कहता है
    • टेक्नोलॉजी-ऑटोमोबाइल्‍स
    • धर्म
    • नौकरी
    • लेंस अभिमत
    • साहित्य-कला-संस्कृति
    • सेहत-लाइफस्‍टाइल
    • अर्थ
Follow US
© 2025 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
The Lens > साहित्य-कला-संस्कृति > हिंदी साहित्य के छायावादी युग के प्रमुख स्तंभ हैं ‘निराला’
साहित्य-कला-संस्कृति

हिंदी साहित्य के छायावादी युग के प्रमुख स्तंभ हैं ‘निराला’

The Lens Desk
Last updated: March 12, 2025 2:32 pm
The Lens Desk
Share
SHARE

‘मेरे ही अविकसित राग से विकसित होगा बंधु दिगंत अभी न होगा मेरा अंत’ : सूर्यकांत त्रिपाठी

साहित्य डेस्क| 21 फरवरी साहित्य से जुड़े हर इंसान के लिए बहुत ही खास दिन है। इस दिन हिंदी के छायावादी युग के प्रमुख स्तंभ सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जी का जन्म हुआ था। ये उनकी 129वीं जयंती है। सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जी हिंदी साहित्य के एक महान कवि, लेखक और आलोचक थे। इनको सुमित्रानंदन पंत, महादेवी वर्मा और जयशंकर प्रसाद के साथ हिंदी साहित्य के छायावाद का एक प्रमुख स्तंभ माना जाता है।

सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जी की 129वीं जयंती

सूर्यकांत त्रिपाठी का जन्म बंगाल की महिषदल रियासत, मेदिनीपुर में हुआ था। उनके पिता श्री रामसहाय तिवारी ऊना (बैसवाड़ा) के रहने वाले थे और महिषदल में सिपाही की नौकरी करते थे। निराला जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मिर्ज़ापुर में प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। निराला जी की शिक्षा के दौरान ही उनकी रुचि साहित्य में जग गई थी।

कब लिखी थी निराला ने अपनी पहली कविता

निराला जी ने अपनी साहित्यिक यात्रा कविता से शुरू की। उन्होंने अपनी पहली कविता ‘जूही की कली’ 1916 में 20 साल की उम्र में लिखी थी जो 1922 में पहली बार प्रकाशित हुई थी। उनकी पहली कविता संग्रह ‘अनामिका’ 1923 में प्रकाशित हुआ था। इसके बाद, उन्होंने ‘परिमल’, ‘अनुभव की यात्रा’ और ‘तुलसीदास’ जैसे कविता संग्रह प्रकाशित किए। निराला जी की कविताओं में प्रेम, सौंदर्य और सामाजिक चेतना की अभिव्यक्ति होती है।

कहानी और निबंध में निराला का योगदान

निराला जी ने कहानी और निबंध लेखन में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके कहानी संग्रह ‘लिली’ और ‘चतुरी चमार’ में सामाजिक और राजनीतिक चेतना की झलक मिलती है। निराला जी के निबंध संग्रह ‘साहित्य की बातें’ और ‘रस-रहस्य’ में साहित्यिक आलोचना और विश्लेषण की दृष्टि से महत्वपूर्ण बातें कही गई हैं।

किसने दी सूर्यकांत त्रिपाठी को ‘निराला’ की उपाधि

सूर्यकांत त्रिपाठी को ‘निराला’ की उपाधि उनके साहित्यिक योगदान और विशिष्ट लेखन शैली के कारण मिली थी। ‘निराला’ शब्द का अर्थ है ‘अद्वितीय’ या ‘अनोखा’। यह उपाधि उन्हें उनके समकालीन साहित्यकारों द्वारा दी गई थी, जो उनकी रचनाओं की विशेषता और अद्वितीयता को पहचानते थे।

निराला को कब मिला था पद्मभूषण

निराला जी को उनके साहित्यिक योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले। उन्हें 1954 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार और हिंदी साहित्य सम्मेलन पुरस्कार भी मिले। निराला जी की विरासत हिंदी साहित्य में बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने हिंदी कविता और कहानी में नए आयाम जोड़े। उनकी रचनाएँ आज भी पाठकों को आकर्षित करती हैं और हिंदी साहित्य की समृद्धि में उनका योगदान अविस्मरणीय है।

TAGGED:INDIAN POETNIRALASURYKANT TRIPATHI NIRALAWRITER
Share This Article
Email Copy Link Print
Previous Article भारत में टेस्‍ला कारों की राह आसान, जानिए कीमत सहित हर जरूरी बात
Next Article पूर्व एजी सतीश चंद्र वर्मा को सुप्रीम कोर्ट से राहत, कोर्ट ने दी अंतरिम अग्रिम जमानत

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

हे नकटी गांववासियों, रहम करो हमारे माननीयों पर

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से सटे नकटी गांव में जमीन से बेदखली के फरमान…

By Lens News

सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व IPS संजीव भट्ट की जमानत याचिका को ठुकराया, उम्रकैद पर लगाई मुहर

द लेंस डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने आज 29 अप्रैल को पूर्व IPS संजीव भट्ट (SANJEEV…

By Lens News

जनसंख्या आधारित परिसीमन का विरोध : तेलंगाना विस में प्रस्ताव पारित, रेवंत रेड्डी ने खोला मोर्चा

नई दिल्‍ली। जनसंख्या आधारित परिसीमन के खिलाफ दक्षिण के राज्‍यों में आवाज मुखर होती जा…

By Arun Pandey

You Might Also Like

साहित्य-कला-संस्कृति

प्रतिष्ठित कवि और कथाकार विनोद कुमार शुक्ल को ज्ञानपीठ पुरस्कार

By The Lens Desk
साहित्य-कला-संस्कृति

पाश : मजदूरों, किसानों के हक और संघर्ष की आवाज  ‘हम लड़ेंगे साथी’

By Arun Pandey
Dr. Rose Kerketta
साहित्य-कला-संस्कृति

अंतिम जोहार रोज दी : खामोश हो गई डायन प्रथा के खिलाफ और आदिवासी अधिकारों की आवाज

By The Lens Desk
साहित्य-कला-संस्कृति

निर्मल वर्मा की जयंती पर विशेष : जिनकी कलम गढ़ती थी कहानियों का निर्मल संसार

By Arun Pandey

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?