ओडिशा के एक निजी विश्वविद्यालय KIIT ( कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी) की बीटेक की एक नेपाली छात्रा की संदिग्ध मौत का मामला अंतरराष्ट्रीय हो गया है। वहां के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस मामले में हस्तक्षेप किया है। नेपाली दूतावास इस विश्वविद्यालय में पढ़ रहे नेपाली विद्यार्थियों की मदद के लिए सक्रिय है। आरोप है कि इस छात्रा प्रकृति लामसाल को उसका एक साथी छात्र लखनऊ का अद्विक श्रीवास्तव बुरी तरह प्रताड़ित कर रहा था। विश्वविद्यालय ने कहा है कि छात्रा ने आत्महत्या की है लेकिन वहां पढ़ रहे नेपाली विद्यार्थी मामले की ठोस जांच चाहते हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। विश्विद्यालय के अधिकारियों ने उन पर अनुचित टिप्पणियां भी कीं और हॉस्टल से निकाल दिया। पुलिस ने आरोपी छात्र समेत KIIT के तीन डायरेक्टर्स और अन्य को गिरफ्तार किया है। यह मामला अत्यंत गंभीर और संवेदनशील है। भारत के विश्वविद्यालयों में लैंगिक प्रताड़ना की यह कोई नई घटना नहीं है। हमारी उच्च शिक्षा का ढांचा अभी भी बड़ा सामंती किस्म का है, जहां खासतौर पर छात्राओं के लिए स्वतंत्र और समान अवसरों का नितांत अभाव है। इस घटना से भारत में पढ़ने वाले सैकड़ों नेपाली विद्यार्थियों में असुरक्षा की भावना होगी। नेपाल के साथ भारत का रोटी बेटी का रिश्ता है। भारत से भी अच्छी–खासी तादाद में विद्यार्थी नेपाल में पढ़ाई के लिए जाते हैं। इस मामले में ओडिशा सरकार ही नहीं केंद्र सरकार को भी सख्त रुख अख्तियार करना चाहिए और KIIT प्रशासन को भी कसना चाहिए। छात्रा के साथ न्याय हो और विदेशी विद्यार्थियों, खासतौर पर इस मामले की वजह से नेपाल के विद्यार्थियों में सुरक्षा और विश्वास की भावना की बहाली पहली चिंता होनी चाहिए।
नेपाली छात्रा की मौत : सुरक्षा और विश्वास बहाल हो
