नई दिल्ली/रायपुर। बलौदाबाजार हिंसा मामले में जेल में बंद विधायक देवेंद्र यादव को आखिरकार राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है। 10 जून को उग्र भीड़ ने बलौदाबाजार जिले के कलेक्टर और एसपी दफ्तर में आग लगा दी, जिसके बाद 17 अगस्त को बलौदाबाजार पुलिस ने देवेंद्र को भिलाई से गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से वो रायपुर के सेंट्रल जेल में बंद हैं।
15 मई को सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को देर रात क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। इसके बाद कार्रवाई की मांग उठी और लगातार स्थानीय स्तर पर प्रदर्शन हुए। 19 मई को पुलिस ने इस मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि नल-जल योजना कार्य में ठेकेदार पैसे नहीं दे रहा था। इसलिए शराब के नशे में आरोपियों ने तोड़फोड़ कर दी, लेकिन इस कार्रवाई से समाज संतुष्ट नहीं था।
इस बीच 10 जून को बलौदाबाजार में प्रदर्शन के दौरान अचानक से लोग उग्र हो गए और बवाल बढ़ता चला गया। हिंसा के दौरान कलेक्टर-एसपी दफ्तर में आगजनी की गई। कई गाड़ियां जला दी गई। इसके बाद कई जनप्रतिनिधि समेत करीब 200 लोगों की गिरफ्तारी हुई। प्रदर्शन में एक वीडियो सामने आया जिसमें देवेंद्र यादव भी शामिल दिखे। इस मामले में उन्हें नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया। एक बार वे पूछताछ के लिए बलौदाबाजार भी पहुंचे। इसके बाद 17 अगस्त को उनकी गिरफ्तारी हुई थी।