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लेंस रिपोर्ट

रेल हादसे : नैतिकता, जिम्‍मेदारी और राजनीतिक इस्‍तीफे

The Lens Desk
Last updated: March 6, 2025 3:32 pm
The Lens Desk
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द लेंस डेस्‍क। जब भी कोई बड़ा रेल हादसा होता है, तो विपक्षी दल और सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठाने लगते हैं कि क्या रेल मंत्री ने हादसे की नैतिक जिम्मेदारी ली है..?, क्या रेल मंत्री इस्तीफा देंगे…? 15 फरवरी की रात नई दिल्‍ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में 18 लोगों की मौत के बाद यह सवाल फिर से पूछा जा रहा है। हालांकि ताजे राजनीतिक ट्रेंड को देखते हुए कहना मुश्किल है कि हादसे, नैतिकता, जिम्‍मेदारी और इस्‍तीफे के बीच कोई संबंध बचा है।

इतिहास पर नजर डालें तो हादसे के बाद रेल मंत्री के इस्‍तीफे की शुरुआत लाल बहादुर शास्त्री ने की थी। नैतिकता के आधार पर इस्‍तीफा देने वाले आखिरी रेल मंत्री फिलहाल सुरेश प्रभु हैं। हमारी यह रिपोर्ट रेल हादसों के तथ्‍यों की पड़ताल पर आधारित है…

अरियालूर रेल हादसा/ लाल बहादुर शास्त्री (1956)

22 नवंबर 1956 की रात थूथुकुडी एक्सप्रेस मद्रास (अब चेन्नई) से रवाना हुई। भोर होने से पहले ही अरियालुर में मारुथैयारु नदी पार करते समय ट्रेन पटरी से उतर गई, इस हादसे में 150 से ज़्यादा यात्रियों की जान चली गई थी। तब रेल मंत्री लाल बहादुर शास्त्री थे। इस हादसे के बाद देश भर में आक्रोश के चलते लाल बहादुर शास्त्री ने इस्तीफ़ा दे दिया, हालांकि कई कांग्रेसी नेता इसके ख़िलाफ़ थे लेकिन नैनिकता के आधार पर उन्‍होंने इस्‍तीफा देना ठीक समझा।

गैसल में दो ट्रेनों की टक्‍कर/ नीतीश कुमार (1999)

पश्चिम बंगाल के गैसल में 2 अगस्त, 1999 को दो ट्रेनों के बीच टक्कर हो गई थी। इस हादसे में 285 लोगों की मृत्यु हुई थी और 312 लोग घायल हुए थे। हादसे की वजह सिग्नलिंग में खराबी की बताई गई थी, दो ट्रेनों के एक ही ट्रैक पर आ जाने से आमने सामने की टक्‍कर हो गई थी। तब के रेल मंत्री नितीश कुमार ने हादसे की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को सौंप दिया। वाजपेयी इस्तीफा स्वीकार करने के पक्ष में नहीं थे, लेकिन नितीश कुमार ने इस बार पर जोर दिया कि ऐसी गंभीर परिस्थितियों में मंत्री की जवाबदेही का महत्व है।

दो बड़े रेल हादसे/ ममता बनर्जी (2000)

साल 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। इस साल दो बड़े रेल हादसे हुए पहली दुर्घटना बिहार में हावड़ा-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस के पटरी से उतरने की थी। दूसरा हादसा पंजाब में हुआ जहां दो ट्रेनों की टक्कर हो गई थी, दोनों हादसों में कई लोगों की मृत्यु हुई थी। तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी ने दुर्घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए दो बार अपने इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि, तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया था।

चार दिन में दो रेल हादसे/ सुरेश प्रभु (2017)

अगस्त 2017 में चार दिनों के भीतर दो रेल दुर्घटनाएं हुईं। पहली घटना उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कलिंग उत्कल एक्सप्रेस के पटरी से उतरने की थी, जिसमें 20 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इसके कुछ ही समय बाद उत्तर प्रदेश के औरैया में कैफ़ियत एक्सप्रेस के पटरी से उतरने की घटना हुई, जिसमें 80 लोग घायल हो गए। तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इन हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें इंतजार करने को कहा। प्रभु कुछ समय तक अपने पद पर बने रहे। बाद में उन्हें वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में स्थानांतरित कर दिया गया।

हर महीने तीन रेल हादसे और अश्विनी वैष्णव की आलोचनाएं

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में 18 लोगों की जान जाने के बाद से रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव आलोचनाओं के घेरे में हैं। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि रेल मंत्री को इस दर्दनाक घटना की नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। यदि मंत्री इस घटना के लिए इस्तीफा नहीं देते, तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए।
भारतीय प्रशासनिक सेवा से राजनीति में आए अश्विनी वैष्णव ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में 7 जुलाई 2021 को रेल मंत्रालय का कार्यभार संभाला। उन्होंने रेलवे में सुधार को लेकर कई कदम उठाए। लेकिन हाल ही आई एक आरटीआई रिपोर्ट में सामने आया कि अश्विनी वैष्णव ने जब से रेल मंत्रालय का काम काज संभाला तब से हर महीने छोटे बड़े तीन रेल हादसे हो रहे हैं।

बीते कुछ सालों में हुए बड़े रेल हादसे

  • 13 जनवरी, 2022 : बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस जलपाईगुड़ी के पास डिरेल हुई, जिसमें 9 यात्रियों की मौत हुई।
  • 2 जनवरी, 2023 : मारवाड़ जंक्शन के पास सूर्यनगरी एक्सप्रेस के कई कोच डिरेल हो गए।
  • 2 जून, 2023 : ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों की टक्कर में 290 लोगों की मौत हुई। 900 से ज्यादा लोग घायल हुए।
  • 25 अगस्त, 2023 : तमिलनाडु के मदुरै स्टेशन के पास भीषण ट्रेन हादसे में 9 लोगों की मौत हुई थी।
  • 11 अक्टूबर, 2023 : बिहार के रघुनाथपुर स्टेशन के पास ट्रेन डिरेल हुई, जिसमें 4 यात्रियों की मौत हो गई।
  • 29 अक्टूबर, 2023 : आंध्र प्रदेश के कोट्टावालसा स्टेशन के पास ट्रेन बेपटरी हो गई जिसमें 14 लोगों की मौत हुई।
  • 18 जुलाई 2024 : यूपी के गोंडा स्टेशन के पास ट्रेन डिरेल हुई जिसमें 4 लोगों की मौत हुई।
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