नई दिल्ली। देश के अगले मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार होंगे। पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने सोमवार को बैठक में नए सीईसी के नाम को फाइनल किया। समिति में पीएम मोदी के अलावा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और गृह मंत्री अमित शाह थे। ज्ञानेश कुमार मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की जगह लेंगे। राजीव कुमार मंगलवार को रिटायर हो रहे हैं। इससे पहले सोमवार रात कानून मंत्रालय ने नोटिस जारी करते हुए नए चुनाव आयुक्त के नाम की घोषणा की। उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा।
विवेक जोशी को चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया है। वे हरियाणा के मुख्य सचिव और 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वहीं, चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू अपने पद पर बने रहेंगे।
1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार अब तक चुनाव आयुक्त के तौर पर जिम्मेदारी देख रहे थे। वे पहले सहकारिता मंत्रालय के सचिव थे और 31 जनवरी 2024 को रिटायर हुए। कुमार अनुच्छेद 370 हटाने जैसे महत्वपूर्ण फैसलों में शामिल रहे हैं। उन्होंने गृह मंत्रालय और संसदीय कार्य मंत्रालय में भी काम किया है। कुल मिलाकर, कुमार का एक लंबा और प्रभावशाली प्रशासनिक करियर रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नए सीईसी के लिए 5 नामों की सूची दी गई थी। लेकिन राहुल ने नामों पर विचार करने से इनकार कर दिया था। बैठक के बाद राहुल गांधी ने डिसेंट नोट जारी किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है इसलिए यह बैठक नहीं होनी चाहिए थी। वहीं, कांग्रेस ने कहा था- हम अहंकार में काम नहीं कर सकते। बैठक स्थगित करनी थी ताकि सुप्रीम कोर्ट जल्द फैसला कर सके।
कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि सीईसी चयन समिति सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन है। सीईसी के चयन के लिए गठित समिति से सीजेआई को हटाकर सरकार ने साफ कर दिया है कि वह चुनाव आयोग की विश्वसनीयता नहीं, बल्कि नियंत्रण चाहती है। सिंघवी ने कहा कि सीईसी और अन्य ईसी की नियुक्ति के लिए बने नए कानून पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका पेडिंग है। इस मामले में 19 फरवरी को सुनवाई है। यह सिर्फ 48 घंटे का मामला था। सरकार को याचिका की शीघ्र सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए था।