नई दिल्ली स्टेशन में कुल 16 प्लेटफार्म हैं। नई दिल्ली स्टेशन के भीतर जाने के दो रास्ते हैं, एक पहाड़गंज की तरफ, दूसरा अजमेरी गेट की ओर। भगदड़ अजमेरी गेट की ओर से नजदीक प्लेटफार्म 14-16 पर हुई। केंद्र सरकार ने 2022 में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन बनाने का एलान किया था। नई दिल्ली स्टेशन देश के सबसे व्यस्त स्टेशनों में से है, जहां सामान्य दिनों में ढाई सौ ट्रेनें आती हैं और करीब पांच लाख यात्री यहां से आते जाते हैं। पीक सीजन में यात्रियों की संख्या बढ़कर छह लाख तक हो जाती है।
नई दिल्ली। प्रयागराज कुंभ जाने के लिए राजधानी के नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बीती रात उमड़ी भारी भीड़ के बीच हुई भगदड़ में मरने वाले यात्रियों की संख्या बढ़कर 18 हो गई है। यात्रियों की भीड़ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रयागराज के लिए हर घंटे रेलवे स्टेशन पर 1,500 टिकट जारी किए जा रहे थे।
बड़ा सवाल यह है कि जब इतनी बड़ी संख्या में टिकट रेलवे ही काट रही थी तो यात्रियों की भीड़ का अंदाजा क्यों नहीं लगाया जा सका? यह बदइंतजामी राष्ट्रीय राजधानी के नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर सामने आई, जबकि इसे देश का क्लास वन स्टेशन होने का दावा किया जाता है। शनिवार रात करीब 9:55 बजे शुरू हुई भगदड़ में 9 महिलाएं, 4 पुरुष और 5 बच्चों की जान चली गई। मृतकों में 9 बिहार के, 8 दिल्ली के और 1 हरियाणा का यात्री शामिल है।
ठेले पर ढोए गए शव
भगदड़ के बाद नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भयावह मंजर देखने को मिला। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब प्रयागराज जाने वाली ट्रेन आई तो भीड़ अधिक बढ़ गई। फुटओवर ब्रिज पर भारी भीड़ जमा हो गई। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि दम घुटने से 10-15 लोगों की वहीं मौत हो गई। शवों को सामान ढोने वाले ठेले पर रखकर ले जाना पड़ा।
दो ट्रेनों के रद्द होने की अफवाह से बिगड़े हालात
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 13 और 14 पर शनिवार देर रात अफरा-तफरी मच गई, जब यात्रियों के बीच प्रयागराज जाने वाली दो ट्रेनों के रद्द होने की अफवाह फैल गई। रेलवे पुलिस उपायुक्त केपीएस मल्होत्रा के मुताबिक, महज 15-20 मिनट में प्लेटफॉर्म पर भीड़ तेजी से बढ़ गई।
प्रयागराज जाने वाली दोनों ट्रेनें पहले से ही देरी से चल रही थीं। इसी दौरान, रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए एक विशेष ट्रेन चलाने की घोषणा की। जैसे ही यह जानकारी फैली, यात्री प्लेटफॉर्म नंबर 14 से 16 की ओर भागने लगे, जिससे भगदड़ मच गई। जब तक स्थिति नियंत्रण में आई, तब तक कई जानें जा चुकी थीं। स्थिति पर नियंत्रण पाने के बाद रेलवे ने भीड़ कम करने के लिए चार विशेष ट्रेनों की व्यवस्था की। घटना की गंभीरता को देखते हुए रेलवे ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, प्लेटफॉर्म बदलने के कारण यह हादसा हुआ।
पहले भगदड़ की बात से रेलवे करता रहा इनकार
जब मीडिया ने उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय से घटना के बारे में जानकारी चाही तो उन्होंने कहा कि कोई भगदड़ नहीं हुई, यह सिर्फ अफवाह है। भारी भीड़ के कारण यात्रियों ने एक-दूसरे को धक्का दिया, जिससे कुछ यात्री घायल हो गए। हालांकि, कुछ देर बाद ही दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने मौतों की पुष्टि की और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई।
बाद में मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने मीडिया को दी जानकारी में बताया कि हादसे के समय पटना जाने वाली मगध एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर और जम्मू जाने वाली उत्तर संपर्क क्रांति प्लेटफॉर्म नंबर 15 पर खड़ी थी। इसी दौरान एक यात्री प्लेटफॉर्म 14-15 की ओर आते हुए सीढ़ियों पर फिसलकर गिर पड़ा। उसके पीछे खड़े कई अन्य यात्री भी इस घटना की चपेट में आ गए, जिससे अफरा-तफरी मच गई। फिलहाल, इस मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है।
तात्कालिक जांच रिपोर्ट: प्लेटफॉर्म बदलने की घोषणा से बने भगदड़ के हालात
हादसे की जांच की तात्कालिक रिपोर्ट में रेलवे ने माना है कि बढ़ती भीड़ और लगातार टिकट बिक्री को देखते हुए रात करीब 10 बजे रेलवे अधिकारियों ने प्लेटफार्म नंबर 16 से प्रयागराज के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा की। यह घोषणा सुनकर प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर पहले से खड़े जनरल टिकट वाले यात्री फुट ओवरब्रिज पार करके प्लेटफॉर्म नंबर 16 की ओर दौड़ पड़े। इस दौरान उन्होंने फुट ओवरब्रिज पर पहले से बैठे यात्रियों को कुचल दिया, जिससे भगदड़ मच गई।
जांच की तात्कालिक रिपोर्ट के अनुसार दिनांक 15.02.2025 को रात्रि लगभग 10:00 बजे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ की घटना घटी। प्लेटफार्म नंबर 14 पर यात्रियों की भारी भीड़ थी, जो प्रयागराज जाने वाली ट्रेन में चढ़ने का इंतजार कर रहे थे। इसी समय, प्लेटफार्म नंबर 13 पर नई दिल्ली से दरभंगा जाने वाली स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस में सवार होने के लिए बड़ी संख्या में यात्री जमा हो गए थे। यह ट्रेन लेट थी और इसे मध्य रात्रि में रवाना करने के लिए पुनर्निर्धारित किया गया था, जिसके कारण यात्री प्लेटफार्म पर ही रहे क्योंकि प्लेटफार्म नंबर 14 और 13 एक दूसरे से सटे हुए हैं और दोनों प्लेटफार्म पर भीड़ बढ़ती जा रही थी। इसके अलावा प्रयागराज के लिए हर घंटे लगभग 1,500 जनरल टिकट जारी किए जा रहे थे, जिसके परिणामस्वरूप प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर अधिक यात्री इकट्ठा हो गए। भारी भीड़ के कारण प्लेटफॉर्म पर खड़े होने के लिए भी जगह नहीं बची थी।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हर दिन 250 ट्रेनों का आवागमन
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन देश के सबसे व्यस्त स्टेशनों में से एक है। जानकारी के मुताबिक, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से रोजाना लगभग 250 ट्रेनें चलती हैं। वहीं, करीब छह लाख से ज्यादा यात्री यहां से यात्रा करते हैं। रेलवे के 15 मार्च 2024 तक के आंकड़ों के मुताबिक, इस वित्तीय वर्ष में 648 करोड़ यात्रियों ने यात्रा की थी। 20 अगस्त 2022 को रेल मंत्रालय ने अपने ट्विटर हैंडल (अब X) पर पोस्ट करते हुए पुनर्विकसित रेलवे स्टेशन का भविष्यदर्शी मॉडल साझा किया था। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन क्षेत्र के पुनर्विकास की लागत लगभग 4,500 करोड़ रुपये आंकी गई थी।