नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आ गया है। 27 साल बाद दिल्ली में भाजपा की सत्ता में वापसी हो रही है। चुनाव आयोग के अनुसार 48 सीटें भाजपा को मिलती दिख रहीं हैं। इनमें से 35 सीटें भाजपा जीत चुकी है, जबकि 13 में आगे चल रही है। भाजपा को 40 सीटों को फायदा होता दिख रहा है। वहीं आम आदमी पार्टी 62 सीटों से 22 पर पहुंच गई है। आप भी 16 सीट जीती है, 6 सीटों पर आगे चल रही है यानी कुल 22 सीटें। कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी चुनाव हार गए हैं। वहीं पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी जीतने में कामयाब नहीं हो सके। मुख्यमंत्री आतिशी ही चुनाव जीतने में कामयाब हो गई हैं। वहीं 1998 से 2013 तक लगातार तीन चुनाव जीतने वाली कांग्रेस लगातार तीसरी बार खाता भी नहीं खोल सकी।
दूसरी तरफ सत्ता में वापस आ रही भाजपा पहले पिछले 6 विधानसभा चुनावों से दिल्ली की सत्ता से दूर रही। 1993 में दिल्ली में भाजपा की सरकार बनी थी। इसके बाद 1998 में कांग्रेस जीती तो शीला दीक्षित मुख्यमंत्री बनीं। शीला दीक्षित 2013 तक मुख्यमंत्री रहीं। उसके बाद से आप की ही सरकार बनी है।
इस बदलाव में अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली और सिसोदिया जंगपुरा से चुनाव हार गए। मुख्यमंत्री आतिशी कालकाजी सीट पर चुनाव जीत गई हैं। सत्येंद्र जैन भी चुनाव हार गए हैं। हार के बाद केजरीवाल बोले- हमें हार स्वीकार है। भाजपा को जीत की बधाई देता हूं। इस बीच, दिल्ली सरकार के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट (जीएडी) ने सचिवालय सील करने के आदेश जारी किए। इसमें कहा गया है कि बिना परमिशन के कोई भी फाइल या दस्तावेज, कंप्यूटर हार्डवेयर सचिवालय के परिसर से बाहर नहीं जाना चाहिए।
2020 में भाजपा ने महज 8 सीटें जीती थीं। 2025 में 6 गुना ज्यादा यानी 48 से ज्यादा सीटों पर जीती। केजरीवाल की नई दिल्ली सीट पर 20 उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई। इन्हें मिले वोट तीन अंक तक भी नहीं पहुंच सके। केजरीवाल, प्रवेश वर्मा से 4089 वोटों से हारे, जबकि संदीप दीक्षित को 4568 वोट ही मिले। भाजपा के दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटे चुनाव जीत गए हैं। नई दिल्ली से प्रवेश वर्मा और मोतीनगर से हरीश खुराना। प्रवेश पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं। खुराना पूर्व सीएम मदन लाल खुराना के बेटे हैं।