नई दिल्ली। दिल्ली में भाजपा ने शानदार जीत दर्ज कर ली है। आम आदमी पार्टी के पांच दिग्गज नेताओं को करारी हार का सामना करना पड़ा। इसमें आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, पार्टी के दूसरे सबसे बड़े नेता मनीष सिसोदिया और मंत्री सौरभ भारद्वाज शामिल है।
आप के प्रमुख नेता जो चुनाव हार गए
अरविंद केजरीवाल: आप के राष्ट्रीय संयोजक, अरविंद केजरीवाल ने बदलाव के संदेश के साथ यूपीए सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के बाद राजनीति में प्रवेश किया था। उन्होंने 2013 में कुछ समय के लिए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। 2015 और 2020 में उन्होंने आप को शानदार जीत दिलाई थी। केजरीवाल को पिछले साल दिल्ली की शराब नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया था। बेल मिलने पर केजरीवाल ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया और कहा था कि, मैं पद पर तभी लौटुंगा जब जनता की अदालत मेरे पक्ष में फैसला सुनाएगी। केजरीवाल दिल्ली में भाजपा के प्रवेश वर्मा से हारे हैं।
मनीष सिसोदिया: दिल्ली के पुर्व उपमुख्यमंत्री और आप के दूसरे सबसे बड़े नेता मनीष सिसोदिया जंगपुरा में भाजपा के तरविंदर सिंह मारवाह से हार गए। पूर्व दिल्ली के पटपड़गंज से तीन बार विधायक रहे सिसोदिया इस बार जंगपुरा से चुनाव लड़ रहे थे। सिसोदिया को 2023 में शराब नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया था। जमानत के पहले उन्होंने डे़ढ साल जेल में बिताया। केजरीवाल की तरह उन्होंने भी जनता की अदालत के फैसले के पहले पद लेने से मना कर दिया।
सौरभ भारद्वाज: आप के प्रमुख नेताओं में शामिल सौरभ भारद्वाज ने 2013 में ग्रेटर कैलाश सीट तीन बार जीती थी लेकिन इस बार भाजपा की शिखा रॉय से हार गए। दिल्ली सरकार में मंत्री के रूप में उन्होने गृह, बिजली और जल आपूर्ति विभागों को संभाला था। उनकी सीट को सुरक्षित माना जा रहा था, लेकिन भाजपा ने बाजी पलट दी।
दुर्गेष पाठक: आप के शीर्ष निकाय राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य दुर्गेश पाठक दिल्ली के राजिंदर नगर की सीट पर भाजपा के उमंग बजाज से हारे। 2022 के उपचुनाव में उन्होने सीट जीती थी। उन्हें इस बार फिर से टिकट दी गई, लेकिन वे जीतने में कामयाब नहीं हो सके।
अवध ओझा: शिक्षक से राजनेता बने अवध ओझा सोशल मीडिया पर अपने वीडियों के लिए मशहूर हैं। अवध ओझा चुनाव से पहले पार्टी में शामिल हुए थे और उन्हे पूर्व दिल्ली के पटपड़गंज से उम्मीदवार बनाया गया था। पटपड़गंज की सीट सिसोदिया द्वारा लगातार तीन बार जीती गई थी। इस बार सिसोदिया जंगपुरा चले गए। अवध ओझा भाजपा के रविंदर सिंह नेगी से 28 हजार से ज्यादा वोटों से हारे।