चुनाव आयोग की साख का सवाल
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने संसद के बाद अब प्रेस कांन्फ्रेंस कर महाराष्ट्र में कथित तौर पर अचानक बढ़ गए मतदाताओं का मुद्दा उठाया है, जिस पर केंद्रीय चुनाव आयोग को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। बेशक चुनाव आयोग की ओर से कहा गया है कि वह लिखित में जवाब देगा, लेकिन लाख टके का सवाल यही है कि ऐसी नौबत आई ही क्यों? दरअसल पिछले साल नवंबर में महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार) और शिवसेना (उद्धव ठाकरे) की ओर से चुनाव आयोग से शिकायत की गई थी कि महाराष्ट्र में मई, 2024 के लोकसभा चुनाव और उसके पांच महीने बाद हुए विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य में 39 लाख नए मतदाता जोड़े गए! जबकि राज्य में 2019 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव के बीच पांच साल में 32 लाख मतदाता जोड़े गए थे। चुनाव आयोग ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था, लेकिन अब महा विकासअघाड़ी के नेताओं के साथ राहुल ने प्रेस कांन्फ्रेंस में जो सवाल उठाए हैं, वह केंद्रीय चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा करते हैं। आखिर यह कैसे संभव है, जैसा कि राहुल ने सवाल उठाया है, कि सरकारी आंकड़े के मुताबिक महाराष्ट्र की वोट डालने में सक्षम वयस्क आबादी 9.54 करोड़ है, तो फिर मतदाता 9. 7 करोड़ कैसे हो गए? यही नहीं, एक साथ 7000 मतदाताओं ने अपना पता शिरडी की एक इमारत को बताया है! राहुल का यह भी दावा है कि इन बढ़े मतदाताओं ने भाजपा को वोट दिया। अच्छा हो कि चुनाव आयोग मतदाता सूची मय पते के सार्वजनिक करे, ताकि स्थिति साफ हो सके।