नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
खुद को “सेंटर फॉर नरेंद्र मोदी स्टडीज” कहने वाला एक निजी थिंक टैंक, कथित तौर पर बिना अनुमति के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का इस्तेमाल करने के आरोप में सीबीआई की जांच के घेरे में आ गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय से मिले एक संदर्भ के बाद एजेंसी ने अब एक औपचारिक मामला दर्ज किया है।
अधिकारियों के अनुसार, ट्रस्ट को 25 जनवरी, 2021 को भारतीय ट्रस्ट अधिनियम, 1860 के तहत जसीम मोहम्मद नामक व्यक्ति द्वारा पंजीकृत कराया गया था। इसके लिए कथित तौर पर केंद्र सरकार या पीएमओ से कोई अनुमोदन नही लिया गया था।
इस वर्ष के प्रारंभ में सीबीआई द्वारा शुरू की गई प्रारंभिक जांच में पाया गया कि प्रधानमंत्री के नाम का प्रयोग प्रतीक एवं नाम (अनुचित प्रयोग निवारण) अधिनियम की धारा 3 का उल्लंघन करते हुए किया गया था।
पिछले साल सितंबर में अलीगढ़ के एक वकील मुश्ताक अहमद हुसैन की शिकायत मिलने के बाद, पीएमओ ने 26 मार्च, 2025 को यह मामला सीबीआई को सौंप दिया था। इसके बाद, सीबीआई ने आरोपों की पुष्टि के लिए इस साल 17 अप्रैल को प्रारंभिक जाँच शुरू की।
सीबीआई ने हाल ही में दर्ज एफआईआर में कहा, “जांच से पता चला है कि प्रधानमंत्री के नाम का इस्तेमाल केंद्र सरकार से आवश्यक अनुमति लिए बिना किया गया था।” साथ ही कहा कि इस तरह के इस्तेमाल के लिए अधिनियम की धारा 5 के तहत सजा का प्रावधान है।
चूँकि यह उल्लंघन एक असंज्ञेय अपराध है, इसलिए एजेंसी ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 174 के तहत कार्यवाही करने के लिए अदालत से अनुमति मांगी। राउज़ एवेन्यू जिला न्यायालय के अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी ने 14 अक्टूबर को एजेंसी को नियमित मामला दर्ज करने की अनुमति दे दी।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जांच का जिम्मा नई दिल्ली स्थित सीबीआई की विशेष अपराध इकाई के एक निरीक्षक स्तर के अधिकारी को सौंपा गया है, जो अब ट्रस्ट की गतिविधियों, वित्त पोषण के स्रोतों तथा प्रधानमंत्री या सरकार के साथ इसके किसी आधिकारिक संबंध की जांच करेंगे।

