रायगढ़| छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के तमनार क्षेत्र के धौराभांठा गांव में जिंदल स्टील एंड पावर को आवंटित गारे-पलमा सेक्टर-1 कोल ब्लॉक की जनसुनवाई आज उस समय विवादों में घिर गई जब जिला प्रशासन ने सुबह-सुबह सुनवाई का स्थान बदल दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि उनकी सहमति और विरोध को पूरी तरह नजरअंदाज करते हुए प्रशासन ने दूसरी जगह महज औपचारिकता पूरी कर जनसुनवाई संपन्न घोषित कर दी।
धौराभांठा के सैकड़ों ग्रामीण पिछले कई दिनों से लगातार धरने पर बैठे थे। उनकी स्पष्ट मांग थी – “बिना ग्राम सभा की सहमति के जनसुनवाई नहीं होगी।” रविवार देर रात कांग्रेस के छत्तीसगढ़ सह-प्रभारी जरीता लेतफलांग, खरसिया विधायक उमेश पटेल और लैलूंगा विधायक विद्यावती सिडार भी धरना स्थल पर पहुंचे और ग्रामीणों के साथ एकजुटता दिखाई।
आज सुबह जैसे ही ग्रामीण जनसुनवाई स्थल पर पहुंचे, उन्होंने मानव श्रृंखला बनाकर शांतिपूर्ण विरोध शुरू कर दिया। लेकिन इसी बीच प्रशासन ने अचानक सुनवाई का स्थान बदल दिया और दूसरी जगह जाकर कुछ मिनटों में ही प्रक्रिया पूरी कर ली।
सामाजिक कार्यकर्ता राजेश त्रिपाठी ने उठाए गंभीर सवाल
सामाजिक कार्यकर्ता राजेश त्रिपाठी ने इसे नियमों का खुला उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा,’जनसुनवाई की सूचना, स्थान और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए। अचानक स्थान बदलना जनहित के साथ-साथ ग्रामीणों के लोकतांत्रिक अधिकारों का अपमान है। यह साफ दिखाता है कि विरोध को दबाने की कोशिश की गई।’
ग्रामीणों का कहना है कि उनकी जमीन, जंगल और जल उनकी जिंदगी है। बिना उनकी सहमति के कोयला खदान स्वीकार नहीं की जाएगी। लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर यह धांधली वापस नहीं ली गई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।फिलहाल प्रशासन की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है।
(रायगढ़ से द लेंस के लिए अंक पाण्डे की रिपोर्ट)

