नई दिल्ली। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी Sonia Gandhi को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने उन्हें नोटिस जारी कर 6 जनवरी 2026 को व्यक्तिगत रूप से या वकील के जरिए जवाब दाखिल करने को कहा है। मामला 45 साल पुराना है आरोप है कि सोनिया गांधी ने भारतीय नागरिकता लेने से बहुत पहले ही अपना नाम वोटर लिस्ट में दर्ज करा लिया था।
1980 में पहली बार नाम जुड़ा, तब थीं इटली की नागरिक
याचिकाकर्ता विकास त्रिपाठी का दावा है कि साल 1980 में नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में सोनिया गांधी का नाम क्रम संख्या 388 पर जोड़ा गया। उस वक्त वह इटली की नागरिक थीं और परिवार इंदिरा गांधी के सरकारी आवास 1 सफदरजंग रोड पर रहता था। याचिका में कहा गया है कि 1982 में कुछ शिकायतों के बाद उनका नाम हटाया गया, लेकिन जनवरी 1983 में फिर से मतदाता सूची में डाल दिया गया जबकि आधिकारिक रूप से उन्हें भारतीय नागरिकता 30 अप्रैल 1983 को मिली थी।
निचली अदालत ने खारिज की थी शिकायत
सितंबर 2025 में राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने यह शिकायत खारिज कर दी थी। मजिस्ट्रेट ने कहा था कि चुनावी मामलों में अदालत हस्तक्षेप नहीं कर सकती, वरना संविधान के अनुच्छेद 329 का उल्लंघन होगा। अब इसी फैसले को विकास त्रिपाठी ने सेशंस कोर्ट में चुनौती दी है। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने शुरुआती दलीलें सुनने के बाद सोनिया गांधी के साथ-साथ दिल्ली सरकार को भी नोटिस जारी किया और पूरा केस रिकॉर्ड मंगवाया है।
याचिकाकर्ता के वकील बोले – जाली दस्तावेजों से नाम जुड़ा
याचिकाकर्ता के वकील पवन नारंग ने कोर्ट में दावा किया कि 1980 और 1983 दोनों बार बिना भारतीय नागरिकता के नाम जोड़ने के लिए जाली या गलत दस्तावेज जरूर इस्तेमाल किए गए होंगे। उन्होंने कहा कि यह संज्ञेय अपराध है और इसकी निष्पक्ष न्यायिक जांच होनी चाहिए। कोर्ट ने उनकी दलीलों से सहमति जताते हुए मामले को गंभीरता से लिया है।
अमित मालवीय का पुराना पोस्ट फिर वायरल
इस साल अगस्त में भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर दावा किया था कि सोनिया गांधी का नाम दो-दो बार बिना नागरिकता के वोटर लिस्ट में जोड़ा गया। उन्होंने इसे चुनावी अनियमितता का गंभीर मामला बताया था और राहुल गांधी के SIR (मतदाता सूची संशोधन) के विरोध से भी जोड़ा था। कोर्ट के नोटिस के बाद मालवीय का पुराना पोस्ट फिर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

कोर्ट ने सोनिया गांधी और दिल्ली सरकार से लिखित जवाब मांगा है। मामले में अब तक कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है, लेकिन नोटिस जारी होना अपने आप में कांग्रेस के लिए राजनीतिक रूप से बड़ा झटका माना जा रहा है। आने वाले दिनों में इस पुराने मामले पर राजनीतिक बयानबाजी और तेज होने की पूरी संभावना है।

