CG NEWS: छत्तीसगढ़ में जल संसाधन विभाग के गरियाबंद कार्यालय को बड़ा झटका लगा है। भू-अर्जन, पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन न्यायालय, रायपुर ने विभाग की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दे दिया। यह फैसला हाईकोर्ट के दो साल पुराने निर्देश की अनदेखी पर आया है, जहां विभाग ने दुर्गा देवी स्मृति सेवा समिति को मुआवजा राशि देने में लगातार देरी की। कोर्ट ने अधिकारियों की लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अब और विलंब से सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ेगा। इस आदेश से विभाग में हलचल मच गई है और कुर्की की प्रक्रिया जल्द शुरू होने की उम्मीद है। याचिकाकर्ता समिति ने कई बार आवेदन दिए थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे ब्याज की राशि भी बढ़ती गई।
मामले की जड़ 7 नवंबर 2023 के हाईकोर्ट आदेश में है, जब ‘दुर्गा देवी स्मृति सेवा समिति बनाम छत्तीसगढ़ शासन एवं अन्य’ केस में मुआवजा तय नियमों के मुताबिक देने को कहा गया था। समिति ने बार-बार रिमाइंडर भेजे, लेकिन कार्यपालन अभियंता गरियाबंद ने फाइल को आगे नहीं बढ़ाया। नतीजतन, समिति को रायपुर कोर्ट में जाना पड़ा। सुनवाई में विभाग के अधिकारी अनुपस्थित रहे, जिससे कोर्ट और सख्त हो गया। कई मौके दिए गए कि चेक जमा कर भुगतान करें, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। कोर्ट ने अतिरिक्त समय की मांग भी ठुकरा दी और स्पष्ट कहा कि हाईकोर्ट के फैसले की अवहेलना बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

कुर्की के आदेश में कोर्ट ने साफ निर्देश दिए हैं कि गरियाबंद जल संसाधन कार्यालय की संपत्ति जब्त की जाए और इससे मिली राशि सीधे दुर्गा देवी स्मृति सेवा समिति को दी जाए। विभाग को अपनी संपत्ति का पूरा ब्योरा तुरंत पेश करने को कहा गया है। मुख्य पक्षकारों में समिति, जल संसाधन विभाग, कार्यपालन अभियंता और राज्य सरकार शामिल हैं। अगली सुनवाई में विभाग को सफाई देनी होगी, वरना कुर्की तेजी से लागू हो सकती है। इस फैसले का असर विभाग के कामकाज पर पड़ सकता है, क्योंकि लापरवाही से न सिर्फ मुआवजा बल्कि ब्याज भी बढ़ गया है।

