नेशनल ब्यूरो,मुंबई। अडानी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (ADSTL), प्राइम एयरो सर्विसेज LLP के साथ मिलकर, फ्लाइट सिमुलेशन टेक्नीक सेंटर प्राइवेट लिमिटेड (FSTC) में 820 करोड़ रुपये की बड़ी हिस्सेदारी खरीद रही है। यह सौदा भारत में विमानन, रक्षा और उच्च-प्रौद्योगिकी ट्रेनिंग बुनियादी ढाँचे पर अडानी समूह के बढ़ते साम्राज्य का प्रतीक है। एयरलाइंस के मौजूदा संकट में पायलटों की कमी की बात लगातार कही जा रही है।
कांग्रेस का मानना है कि अडानी के इस समझौते को अमलीजामा पहनाने के लिए ही मौजूदा संकट पैदा किया गया है। कांग्रेस के अपने सोशल मीडिया हैंडल पर वीडियो के माध्यम से यह बात कही है। कई सोशल मीडिया यूजर्स का भी यही दावा है। अडानी ने अपनी वेबसाइट में आने वाले दिनों 20 हजार पायलट्स की जरूरत बताई है।
एफएसटीसी भारत की सबसे बड़ी स्वतंत्र उड़ान प्रशिक्षण और सिमुलेशन कंपनी है। यह 11 उन्नत फुल एविएशनसिमुलेटर और 17 प्रशिक्षण विमान संचालित करती है। कंपनी को डीजीसीए और यूरोपीय संघ विमानन सुरक्षा एजेंसी से प्रमाणपत्र प्राप्त हैं, जिससे इसके प्रशिक्षण मानकों को विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है। एफएसटीसी गुरुग्राम और हैदराबाद में आधुनिक सिमुलेशन केंद्र संचालित करती है और इसके विस्तार की पर्याप्त क्षमता है।
सिमुलेटरों के अलावा, एफएसटीसी हरियाणा के भिवानी और नारनौल में स्थित भारत के सबसे बड़े उड़ान स्कूलों में से एक का भी संचालन करता है। ये सुविधाएँ वाणिज्यिक और रक्षा पायलटों के प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और देश के लिए कुशल विमानन पेशेवरों की एक स्थिर श्रृंखला बनाने में मदद करती हैं।
एफएसटीसी के अडानी की मौजूदा विमानन कंपनियों जैसे एयर वर्क्स और इंडामर टेक्निक्स के साथ जुड़ने से, समूह अब एक ही छत के नीचे नागरिक विमान रखरखाव, सामान्य विमानन एमआरओ, रक्षा एमआरओ और संपूर्ण उड़ान प्रशिक्षण में सेवाएं प्रदान कर सकता है।
पायलटों और रक्षा प्रशिक्षण की बढ़ती मांग
आने वाले वर्षों में भारतीय एयरलाइनों द्वारा 1,500 से ज़्यादा विमान जोड़े जाने की उम्मीद है। इससे प्रमाणित पायलटों की ज़रूरत तेज़ी से बढ़ेगी। साथ ही, उन्नत रक्षा प्रशिक्षण और मिशन रिहर्सल पर सरकार का ज़ोर सैन्य सिमुलेशन और प्रशिक्षण सेवाओं में नए अवसर पैदा कर रहा है। अदाणी का लक्ष्य अपने व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा दृष्टिकोण के तहत भारतीय रक्षा पायलटों की अगली पीढ़ी को सहयोग प्रदान करना है।

