नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) दो दिवसीय भारत यात्रा पर गुरुवार देर रात दिल्ली पहुंच गए। यह उनकी चार साल बाद पहली भारत यात्रा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर आई इस यात्रा में दोनों देशों के बीच रक्षा, व्यापार और ऊर्जा क्षेत्र में मजबूत सहयोग पर खास जोर रहेगा। पुतिन के साथ रूस के सात मंत्रियों का बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी आया है।
राष्ट्रपति भवन में भव्य स्वागत और 21 तोपों की सलामी

शुक्रवार सुबह राष्ट्रपति भवन में व्लादिमीर पुतिन का औपचारिक स्वागत हुआ। उन्हें 21 तोपों की सलामी और गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू खुद मौजूद रहीं। इसके बाद पुतिन राजघाट पहुंचे और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। आजाद भारत में पहली बार 26 जनवरी 1950 को 21 तोपों की सलामी की परंपरा शुरू हुई थी, जो अब विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के लिए सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है।
मोदी-पुतिन के बीच दो अहम बैठकें, 25 से ज्यादा समझौते संभव

आज प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच दो महत्वपूर्ण बैठकें होंगी। पहली बैठक आमने-सामने (वन-टू-वन) होगी, जबकि दूसरी बैठक में दोनों देशों के मंत्री भी शामिल रहेंगे। इन बैठकों में 25 से ज्यादा समझौतों और करारों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। रक्षा उत्पादन, छोटे परमाणु रिएक्टर और व्यापार को बाहरी दबाव से बचाने जैसे मुद्दों पर गहन चर्चा होगी। शाम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुतिन के सम्मान में राजकीय भोज देंगी।
भारत-रूस विशेष रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे
यह यात्रा इसलिए भी खास है क्योंकि इस साल भारत और रूस की विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे हो रहे हैं। यह साझेदारी साल 2000 में शुरू हुई थी और 2010 में इसे और मजबूत बनाया गया। आज होने वाले 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के बाद पुतिन रूस के सरकारी चैनल RT के नए इंडिया चैनल का उद्घाटन भी करेंगे। दोनों देशों के बीच पुराने और भरोसेमंद रिश्ते एक बार फिर दुनिया के सामने होंगे।

