रायपुर। छत्तीसगढ़ के बाद झारखंड में शराब नीति घोटाले (Jharkhand Liquor Scam) के मामले में भी अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एंट्री हो गई है। ईडी ने झारखंड एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की दर्ज FIR को आधार बनाकर ECIR दर्ज कर ली है। ECIR दर्ज होने के बाद ED ने रांची स्थित स्पेशल PMLA कोर्ट में याचिका दायर कर आरोपियों से पूछताछ की अनुमति मांगी, जो कोर्ट ने दे दी है।
ED की टीम जल्द ही छत्तीसगढ़ पहुंचेगी ताकि झारखंड के शराब नीति घोटाले से जुड़े आरोपियों अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुण पति त्रिपाठी सहित अन्य से पूछताछ की जा सके।
यह मामला साल 2022 में झारखंड में बनी नई शराब नीति से जुड़ा है। आरोप हैं कि इस नीति में कुछ ऐसे बदलाव किए गए थे कि जिससे छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट के लोगों को फायदा पहुंचा।
नई नीति लागू करने से पहले छत्तीसगढ के शराब सिंडिकेट के लोगों के साथ अधिकारियों की मीटिंग हुई थी। फिलहाल ACB इन गिरफ्तार अधिकारियों से पूछताछ कर रही है।
गिरफ्तार IAS विनय चौबे झारखंड केे सीनियर IAS अधिकारी हैं। चौबे पहले सीएम हेमंत सोरेन के सचिव रह चुके हैं। गिरफ्तारी के वक्त विनय चौबे पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव थे। फिलहाल वे निलंबित चल हैं।
दरअसल, रांची के अरगोड़ा के रहने वाले विकास सिंह ने झारखंड ACB को शिकायत दी थी कि छत्तीसगढ़ के आबकारी अधिकारियों और शराब कारोबारियों ने मिलीभगत कर झारखंड सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचाया।
शिकायत के बाद झारखंड ACB ने प्रारंभिक जांच शुरू की और इस दौरान झारखंड के पूर्व आबकारी सचिव विनय कुमार चौबे और संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह से कई दौर की पूछताछ की। जांच में अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर और अरुण पति त्रिपाठी के नाम भी सामने आए।
इसके बाद सरकार की मंजूरी मिलने पर ACB ने नियमित FIR दर्ज की, जिसमें विनय चौबे, गजेंद्र सिंह, विनय सिंह सहित 9 लोगों को आरोपी बनाया। अब तक ACB इस केस में 22 आरोपियों को नामजद कर चुकी है। कई गिरफ्तारियां भी हो चुकी हैं।
ACB के जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर ED ने PMLA के तहत केस दर्ज किया है। एजेंसी आरोपियों से मनी लॉन्ड्रिंग एंगल से पूछताछ करेगी।
ED पहले से ही छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच कर रही है, जिसमें लगभग 2 हजार करोड़ रुपए की हेराफेरी सामने आई है। इस मामले में ED की रिपोर्ट के आधार पर छत्तीसगढ़ के आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) में FIR दर्ज है, जिसकी जांच में करीब 32 सौ करोड़ का घोटाले का पर्दाफाश हुआ है।
झारखंड और छत्तीसगढ़ के शराब घोटालों के बीच कड़ी जुड़ने के बाद अब ED की कार्रवाई और तेज हो गई है। माना जा रहा है कि दोनों राज्यों के मामलों के तार आपस में जुड़े हैं और आने वाले दिनों में बड़े खुलासे हो सकते हैं।
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