IndiGo Fail: जब देश भर की मीडिया पुतिन की भारत यात्रा को दिखाने में व्यस्त थी, उस समय भारत के एयरपोर्ट्स पर लाखों नागरिक फंसे हुए थे। किसी को नौकरी जॉइन करनी थी, डर था कि बॉस नौकरी से निकाल न दे; किसी की बारात थी, किसी को शादी में पहुंचना था; किसी को इलाज के लिए परिवार के पास जाना था; तो कोई पिता अपनी बच्ची के लिए सैनेटरी पैड मांग रहा था। किसी को कनेक्टिंग फ्लाइट लेनी थी, किसी को अंतिम संस्कार में शामिल होना था। हजारों लोगों को ठंड में एयरपोर्ट पर ही रातें बितानी पड़ीं और कईयों को 6 गुना तक ज्यादा पैसे देकर दूसरी एयरलाइंस की टिकट लेनी पड़ी।
विमान रद्द होने से यात्रियों को वाकई भयानक परेशानियों का सामना करना पड़ा। न किसी को मेल आया, न कोई मैसेज। कई लोगों को फ्लाइट में बोर्डिंग के बाद बैठ जाने पर कहा गया कि उतर जाइए क्योंकि पायलट ही नहीं है। इन सब घटनाओं से नाराज लोगों ने एयरपोर्ट पर हंगामा कर दिया और सोशल मीडिया पर यात्रियों के हंगामे के वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं। हालात इतने बेकाबू हैं कि लोग मारपीट, धमकी, अपशब्द हर तरीके से समाधान और जवाब मांग रहे हैं। आलम ये रहा की दिल्ली से पटना की फ्लाइट का किराया 40 हजार था जबकि दिल्ली से न्यूयॉर्क का किराया 47 हजार था ।
ऐसे तमाम जरूरी काम जो समय पर होने चाहिए, उनके लिए लोग जल्दी पहुंचने के लिए हवाई सफर को प्राथमिकता देने लगे थे। ज्यादातर लोगों की शिकायत रहती थी कि भारतीय रेलवे समय पर नहीं पहुंचती, वहां बिना टिकट वाले भी रिजर्व्ड सीट पर बैठ जाते हैं और आरामदायक सफर नहीं मिलता। रेलवे में भीड़-गंदगी के बीच अब भारत का मिडिल क्लास भी हवाई यात्रा को तरजीह देने लगा था और रेल सफर से दूरी बना ली थी। लेकिन पिछले चार दिनों से इंडिगो की फ्लाइटें कैंसिल और डिले होने की वजह से देश के अधिकांश एयरपोर्ट पर जो हालात बने हैं, वे बेहद दयनीय हैं।
वीडियो में देखा जा सकता है कि इंडिगो के काउंटर पर यात्रियों की भारी भीड़ है। कोई फ्लाइट का समय पूछ रहा है तो कोई अपनी समस्या लेकर बहस कर रहा है। इसी बीच एक पिता अपनी बेटी के लिए सैनेटरी पैड मांगते हुए कहते हैं, “सिस्टर, मेरी बेटी को पीरियड हो गया है… ब्लड गिर रहा है… प्लीज सैनेटरी पैड दे दीजिए।” इंडिगो स्टाफ पहले तो बात सुनने को तैयार नहीं था, फिर साफ मना कर दिया कि “सॉरी सर, हम ऐसा नहीं कर सकते।” यह वायरल वीडियो देखकर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
रायपुर एयरपोर्ट पर बारात गोवा जा रही थी, लेकिन इंडिगो बता नहीं पा रहा कि फ्लाइट जाएगी या नहीं। नाराज बारातियों ने खूब हंगामा किया और कहा कि आपका स्टाफ इस हंगामे को मैनेज करने के काबिल भी नहीं है। हैदराबाद में लोग “We want justice” के नारे लगा रहे थे, तो कहीं “इंडिगो मुर्दाबाद” के नारे गूंज रहे थे। पुणे एयरपोर्ट पर हजारों लगेज लावारिस पड़े हैं, लखनऊ में भी यात्री “इंडिगो मुर्दाबाद” चिल्ला रहे हैं। मुंबई में लोग फ्लाइट स्टेटस चेक करते थक गए।
एक यात्री ने तो गुस्से में स्टाफ पर पानी की बोतल से पानी छिड़क दिया।यात्रियों का गुस्सा इतना ज्यादा है और इंडिगो कर्मचारी इतने लाचार हैं कि अब अतिरिक्त फोर्स और पुलिस का सहारा लेना पड़ रहा है। ज्यादातर एयरपोर्ट पर हालात बदतर हैं। यात्रियों को फ्लाइट की जानकारी नहीं मिल रही। पानी, खाना और जरूरी सामान के लिए लोग स्टाफ से झगड़ते दिखे। कई जगह मारपीट तक की नौबत आ गई। लोग 24-24 घंटे से फ्लाइट का इंतजार कर रहे हैं, सीढ़ियों-कुर्सियों पर रात गुजारने को मजबूर हैं।
इंडिगो ने DGCA से फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों में 10 फरवरी 2026 तक छूट मांगी है और वादा किया है कि तीन महीने में परिचालन सामान्य हो जाएगा। सरकार भी अब जागी है। 4 दिसंबर को DGCA की मीटिंग में इंडिगो को क्रू भर्ती, ट्रेनिंग रोडमैप और हर 15 दिन में प्रोग्रेस रिपोर्ट देने को कहा गया।
नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि इतना समय दिया गया था, फिर भी तैयारी क्यों नहीं की? उन्होंने किराया न बढ़ाने और यात्रियों को होटल-खाना देने के निर्देश दिए, लेकिन ये सारे आदेश कागजों पर ही रह गए। दूसरी एयरलाइंस के किराए आसमान छू रहे हैं, लोग 6-10 गुना पैसे देकर टिकट लेने को मजबूर हैं। बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग जमीन पर बैठे-बैठे रात काट रहे हैं।
इतना तो तय है कि सिर्फ वीडियो देखकर दुख जताने या तकलीफ सुनने से कुछ नहीं होगा। सरकार और कंपनी से सीधे सवाल करने होंगे: क्या इसकी जिम्मेदारी कोई लेगा? यात्रियों का नुकसान और मानसिक परेशानी की भरपाई कौन करेगा? इस पूरे अराजकता पर इंडिगो के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई होगी या नहीं? सवाल बहुत हैं, जवाब देने वाला अभी तक कोई नहीं आया।

