नई दिल्ली। मोबाइल फोन में Sanchar Saathi app इंस्टाल करने की अनिवार्यता से उठे विवाद के बीच केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज संसद भवन के बाहर मीडिया को साफ किया किया कि कोई बाध्यता नहीं है। इससे पहले विपक्ष इस एप को लेकर सरकार पर जासूसी के आरोप लगा चुका है।
संसद से लेकर सड़क तक हंगामा देखने को मिल चुका है। सांसद रेणुका चौधरी ने राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस देकर इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की। वहीं कांग्रेस ने नियम 267 के तहत चर्चा का दबाव बनाया है, जिसके तहत अन्य सभी काम स्थगित कर इस विषय पर बहस हो सके।
भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) ने साफ किया है कि अब देश में बिकने वाले हर नए स्मार्टफोन में “संचार साथी” ऐप पहले से इंस्टॉल करना अनिवार्य होगा। कंपनियों को यह सुनिश्चित करना पड़ेगा कि फोन पहली बार चालू करने या सेटअप के दौरान यह ऐप यूजर के सामने आए और इसे न तो छिपाया जा सके, न डिलीट किया जा सके और न ही डिसेबल किया जा सके। पहले से बिक चुके फोन में यह ऐप OTA अपडेट के जरिए पहुंचाया जाएगा।
सरकार का दावा है कि यह ऐप मूल रूप से साइबर ठगी, फर्जी सिम और चोरी के फोन को ट्रैक करने व ब्लॉक करने के लिए बनाया गया है। जनवरी 2025 में लॉन्च होने के बाद से इसे 5 करोड़ से ज्यादा लोग डाउनलोड कर चुके हैं। इसके जरिए अब तक 7 लाख से अधिक खोए-चोरी हुए फोन बरामद हो चुके हैं, 3 करोड़ से ज्यादा फर्जी मोबाइल कनेक्शन डी-एक्टिवेट किए गए हैं और 37 लाख से ज्यादा चोरी के डिवाइस ब्लॉक किए जा चुके हैं।
संचार साथी ऐप सीधे सरकार के CEIR (सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर) सिस्टम से जुड़ा हुआ है, जिसमें देश के हर फोन का IMEI नंबर दर्ज होता है। ऐप खोलते ही यह OTP के जरिए आपका नंबर वेरिफाई करता है, फिर IMEI चेक करता है कि फोन चोरी का तो नहीं या ब्लैकलिस्टेड तो नहीं। यह फर्जी हैंडसेट खरीदने से बचाता है और साइबर फ्रॉड की शिकायत करने की सुविधा भी देता है।
विपक्ष हमलावर, सिंधिया ने क्या कहा
इस फैसले पर विपक्ष ने तीखा हमला बोला है। कांग्रेस ने इसे निजता पर हमला बताया है। पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि अनुच्छेद 21 के तहत मिला निजता का अधिकार इससे प्रभावित हो रहा है। उन्होंने इसे नागरिकों की जासूसी का औजार बताया। शिवसेना (UBT) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इसे “बिग ब्रदर” वाली निगरानी करार दिया। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने इसे सीधे “स्नूपिंग ऐप” कहा और आरोप लगाया कि सरकार लोगों की निजी जिंदगी में झांक रही है।
दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने साफ किया है कि यह ऐप किसी की जासूसी नहीं करता, न कॉल रिकॉर्ड करता है, न लोकेशन ट्रैक करता है। यह सिर्फ साइबर सुरक्षा और फ्रॉड से बचाव के लिए है। DoT का कहना है कि इसका मकसद लोगों को नकली फोन और दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग से बचाना है।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने विपक्ष के रवैये पर तीखा हमला बोला। उनका कहना था कि विपक्ष को नित नए बहाने बनाकर सदन की कार्रवाई रोकने की कोई जरूरत नहीं है। सभी विषय गंभीर हैं, मगर संसद को लगातार ठप करना सही तरीका नहीं है।
उन्होंने आगे कहा, “हम विपक्षी नेताओं से लगातार बातचीत कर रहे हैं, मैं खुद उनसे संपर्क में हूं। उनके मुद्दों को हल्के में नहीं लिया जा रहा, लेकिन देश के सामने सिर्फ एक ही समस्या नहीं है, कई अहम मामले हैं जिन पर चर्चा होनी चाहिए।”

