रायपुर। छत्तीसगढ़ में नई कलेक्टर गाइडलाइंस लागू किए जाने के विरोध में प्रदेश के कई जिलों में पिछले पांच दिनों से लगातार प्रदर्शन हो रहा है। सोमवार को भी दुर्ग में प्रदर्शन हो रहा था, तभी प्रदर्शन उग्र हो गया और पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया।
पांच दिनों से जारी विरोध प्रदर्शन के बीच सोमवार को दुर्ग में पुलिस कार्रवाई ने हालात को और भड़का दिया। पुलिस ने जमीन कारोबारियों पर बेरहमी से लाठीचार्ज किया, उन्हें सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा और कई लोगों को जबरन हिरासत में ले लिया। कई लोग घायल हो गए।
कलेक्ट्रेट और रजिस्ट्रार कार्यालय के प्रदर्शन में बढ़ती भीड़ देख पुलिस हालात संभालने में नाकाम रही तो प्रशासन ने बल प्रयोग को ही समाधान समझा।
जानकारी के मुताबिक, सोमवार को जमीन व्यापारी पांचवें दिन भी कलेक्ट्रेट और रजिस्ट्रार कार्यालय के बाहर जमा हुए थे। सुबह से ही नारेबाजी और धरना जारी था। दोपहर करीब 1 बजे अचानक बड़ी संख्या में भीड़ रजिस्ट्रार कार्यालय की ओर बढ़ने लगी। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं रुके।
स्थिति बिगड़ती देख पुलिस ने बल प्रयोग करने की बात कही, लेकिन फिर भी भीड़ नहीं रुकी, जिसके बाद मौके पर मौजूद लोगों पर लाठीचार्ज शुरू कर दिया गया।
इस संबंध में पुलिस का कहना है कि हल्का बल प्रयोग किया गया है। वहीं, प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कई लोगों को चोट आने का दावा किया है।
मौके पर मौजूद लोगों ने कहा कि लाठीचार्ज काफी तीव्र था। लाठीचार्ज के दौरान कई जमीन कारोबारियों को चोट आई और भीड़ चारों ओर भागती नजर आई। इसके बावजूद कुछ देर बाद प्रदर्शनकारी फिर इकट्ठा हो गए और विरोध जारी रखा।
जमीन व्यापारियों ने आरोप लगाया कि नई कलेक्टर दरों से उनका व्यवसाय ठप होने की कगार पर है। जमीन ही हमारी रोजी-रोटी है। कई व्यापारी बुजुर्ग हैं, वे न नई नौकरी कर सकते हैं और न कोई दूसरा काम। ऐसे समय में लाठीचार्ज बेहद निंदनीय है।
दुर्ग एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर ने कहा कि स्थिति नियंत्रण से बाहर न हो, इसके लिए हल्का बल प्रयोग किया गया।
लाठीचार्ज के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि जब तक नई कलेक्टर दरों में संशोधन नहीं किया जाता, आंदोलन जारी रहेगा। कई जिलों में जगह-जगह विरोध तेज हो रहा है और जमीन कारोबारियों ने सरकार पर अपने अस्तित्व को खतरे में डालने का आरोप लगाया है।

