DGP को चिट्ठी – कोरबा अपर कलेक्टर रायपुर में क्या कर रहे थे, जांच करें
रायपुर। पूर्व गृहमंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेता ननकी राम कंवर (Nanki Ram Kanwar) ने फिर एक सनसनीखेज आरोप लगाया है। श्री कंवर ने आरोप लगाया है कि 4 अक्टूबर को जब वे धरना देने रायपुर आए थे उस दिन उनके पुत्र को शराब पिला कर विवाद खड़ा करने की कोशिश की गई।
प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को लिखी एक ताजा चिट्ठी में ननकी राम कंवर ने इस बात की जांच की मांग की कि किसने उनके सहयोगियों और उनके पुत्र में विवाद खड़ा करने के मकसद से उनके पुत्र संदीप कंवर को शराब पिलाई और उनकी गाड़ी में शराब रखवाई? द लेंस के पास यह चिट्ठी है।


उल्लेखनीय है कि 4 अक्टूबर को जिस दिन ननकी राम कंवर रायपुर में मुख्यमंत्री निवास के सामने धरना देने की तैयारी में थे, उसी दिन उनके पुत्र का एक ऐसा वीडियो बयान आया जिसमें उन्होंने कहा कि उनके पिता ननकी राम कंवर को बंधक बनाए जाने का मीडिया में भ्रामक प्रचार किया जा रहा है, जबकि ऐसा कुछ नहीं है। उनकी शाम को प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष से मुलाकात होने वाली है। अभी वे आराम कर रहे हैं।
संदीप कंवर का यह बयान तब आया था जब ननकी राम कंवर खुद यह बयान दे चुके थे कि उन्हें धरना देने से रोकने के लिए हाउस अरेस्ट कर लिया गया है।
इस समय ननकी राम कंवर रायपुर के उस गहोई भवन में थे जहां वे एक रात पहले पहुंचे थे और सुबह उस भवन के मेन गेट पर ताला जड़ दिया गया था ताकि वे बाहर ना निकल सकें।भवन पर पुलिस तैनात थी और भीतर कोरबा तथा रायपुर के कुछ प्रशासनिक अफसर भी मौजूद थे।
बाहर निकलने से रोके जाने पर श्री कंवर ने उस गेट के पीछे से कुर्सी पर चढ़ कर गेट के बाहर खड़े पत्रकारों से कैमरे पर बात की और प्रशासन पर सीधे आरोप लगाया कि उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया गया है।
उसी दिन शाम को ननकी राम कंवर की प्रदेश भाजपा अध्यक्ष किरण सिंह देव से मुलाकात हुई और वे कोरबा वापस लौट गए।
श्री कंवर ने कोरबा लौटने के तुरंत बाद 6 अक्टूबर को ही पुलिस महानिदेशक को दो पेज की एक चिट्ठी लिखी।इस चिट्ठी में उन्होंने कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत के साथ–साथ राज्य प्रशासनिक सेवा के एक अफसर ,अपर कलेक्टर देवेंद्र पटेल पर भी आरोप लगाए हैं।
इस पत्र में श्री कंवर ने कहा कि 4 अक्टूबर को कलेक्टर ने बिना किसी शासकीय काम के,केवल अपने बचाव के लिए, देवेंद्र पटेल को रायपुर भेजा था।यह शासकीय पद का दुरुपयोग था और ऐसा मेरे शांतिपूर्ण आंदोलन को बाधित करने तथा मुझे व मेरे सहयोगियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के लिए किया गया था।
श्री कंवर ने इसे साजिश कहा और यह भी कहा कि इसी साजिश के तहत उनके पुत्र संदीप कंवर का सहारा लिया गया तथा उनके (ननकी राम कंवर के) दो सहयोगियों क्रमशः अनिल चौरसिया और सुशील अग्रवाल को झूठे मामले में फंसाने और उलझाने के मकसद से,कथित तौर पर देवेंद्र पटेल के ही इशारे पर,पुलिस पकड़ कर पहले रायपुर के सरस्वती नगर थाने फिर थाना सिटी कोतवाली ले गई।उन्हें थाने में बंद कर दिया गया,उनके मोबाइल छीन लिए गए और उनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया गया।
ननकी राम कंवर ने इसे भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 में प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन कहा।
श्री कंवर ने पुलिस महानिदेशक से मांग की कि इस बात की उच्च स्तरीय जांच की जाए कि किसने उनके पुत्र को शराब पिलाई और उनकी गाड़ी में शराब रखवाई।
उन्होंने अपर कलेक्टर देवेंद्र पटेल और संबंधित पुलिस अधिकारियों की भूमिका की जांच की मांग की। उन्होंने मांग की कि गहोई भवन के आसपास और सरस्वती नगर थाने तथा थाना सिटी कोतवाली के 4 अक्टूबर की सुबह 6 बजे से रात 12 बजे तक के सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखे जाएं और उनकी भी जांच की जाए।
इधर इस मामले में कोरबा के अपर कलेक्टर देवेंद्र पटेल ने द लेंस से कहा कि वे नियम विरुद्ध रायपुर नहीं गए थे। लॉ एंड ऑर्डर की ड्यूटी के तहत उन्हें भेजा गया था। उन्होंने कहा कि वे पहले रायपुर में पदस्थ रहे हैं। इस वजह से उन्हें भेजा गया था। उनके निर्देश पर किसी को भी थाने में नहीं बैठाया गया है। बाकी शिकायतों के संबंध में उन्होंने कहा कि इस पर वे कुछ नहीं कह सकते।

