सीबीआई की चार्जशीट में खुलासा, 133 पेज की रिपोर्ट में जेल में बंद अतुल तिवारी से रविशंकर महाराज की बातचीत का ब्यौरा
रायपुर। निजी मेडिकल कॉलेजों को फर्जी तरीके से घूस लेकर मान्यता देने के मामले में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने रायपुर की सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी है। सीबीआई के चालान में सबसे अहम खुलासा हुआ है कि छत्तीसगढ़ के रायपुर के रावतपुरा मेेडिकल कॉलेज यानी कि रावतपुरा सरकार आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान (SRIMSR) के चेयरमैन रविशंकर महाराज यानी कि रावतपुरा सरकार, रिटायर्ड आईएफएस और रेरा चेयरमैन संजय शुक्ला और रायपुर मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अतिन कुंडू इस घूस कांड के षड्यंत्र में शामिल थे।
रायपुर केंद्रीय जेल में बंद रावतपुरा मेडिकल कॉलेज के एक डायरेक्टर अतुल तिवारी और रविशंकर महाराज की चैटिंग रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है। इस चैटिंग में संजय शुक्ला और डॉ. अतिन कुंडू का बार-बार जिक्र आया है।
5 जुलाई को सीबीआई ने दिल्ली में हुई एक एफआईआर के आधार पर 6 लोगों को गिरफ्तार किया था। इन सभी 6 आरोपियों की गिरफ्तारी को करीब 2 महीने पूरे हो रहे हैं और अब सीबीआई ने चालान पेश किया है।
सीबीआई की एफआईआर में 29 आरोपियों के नाम थे। इन 29 आरोपियों में रेरा के अध्यक्ष संजय शुक्ला, रायपुर मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अतिन कुंडु, रावतपुरा सरकार लोक कल्याण ट्रस्ट के आजीवन ट्रस्टी और चेयरमैन रविशंकर महाराज भी आरोपी बनाए गए हैं। यही ट्रस्ट मेडिकल कॉलेज का संचालन करती है।
सीबीआई ने करीब 20 हजार पेज का चालान पेश किया है। इस चालान की 133 पेज की एक फाइनल रिपोर्ट तैयार की है।
रिपोर्ट में अतुल तिवारी और रविशंकर महाराज की बातचीत के अंश भी सीबीआई ने अटैच किए हैं, जिसके आधार पर सीबीआई यह दावा कर रही है कि रविशंकर महाराज ही यह तय कर रहे थे कि निरीक्षण दल को कितनी रिश्वत देनी है और बिचौलिया कितनी रिश्वत रखेगा। अपनी रिपोर्ट में सीबीआई ने दावा किया है कि रविशंकर महाराज मान्यता दिलाने और सीटें बढ़ाने को लेकर हुई रिश्वतखोरी में सीधे संलिप्त थे।
55 लाख रुपए में सौदा, हवाला के जरिए पहुंची रकम

प्रस्तुत चालान के अनुसार निरीक्षण दल के सदस्यों में मंड्या इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, बेंगलूरु की प्रोफेसर डॉ. मंजप्पा सीएन ने निरीक्षण दल डॉ. सतीश सेे 55 लाख रुपए में सौदा किया। डॉ. मंजप्पा ने डॉ. सतीश को बताया था कि उन्हें हवाला ऑपरेटर से कॉल आएगा और यह रकम कहां से कलेक्ट करना है, यह जानकारी दी जाएगी। डॉ. मंजप्पा ने निरीक्षण दल की एक अन्य सदस्य डॉ. चैत्रा से भी बात की थी। इस फाइनल रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि निरीक्षण करने वाली टीम को हवाला के जरिए घूस की रकम पहुंचाई गई थी।
चालान की 133 पेज की रिपोर्ट जो दावा कर रही है, उसके अनुसार कॉलेज का निरीक्षण कर और रिश्वत लेकर अनुकूल रिपोर्ट देने की पूरी लाइजनिंग टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज मुंबई (टीआईएसएस) के चांसलर डीपी सिंह ने की थी।
सिंडीकेट में शामिल उदयपुर के गीतांजलि विश्वविद्यालय के पूर्व रजिस्ट्रार मयूर रावल ने गोपनीय निरीक्षण संबंधी विवरण देने के बदले 30 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। मयूर रावल ने यह जानकारी मुहैया कराई थी कि निरीक्षण के दौरान कॉलेज के अस्पताल में कितने मरीज और कितने डॉक्टर होने चाहिए। इसके अलावा निरीक्षण के दौरान दल किन-किन बिंदुओं पर जांच करता है।
निरीक्षण दल से यह जानकारी लेकर मयूर रावल ने संचालक अतुल कुमार तिवारी को उपलब्ध कराई थी। इसी जानकारी के आधार पर नेशनल मेडिकल काउंसिल की तरफ से तय किए गए 4 मूल्यांकनकर्ताओं वाली निरीक्षण टीम 30 जून को रावतपुरा मेडिकल कॉलेज पहुंची थी।
इस दल ने अतुल तिवारी के साथ मिलीभगत कर कॉलेज की मान्यता में किसी भी तरह की दिक्कत न हो, ऐसी रिपोर्ट तैयार की। इसके एवज में घूस की रकम पर सहमति बनी।
रावतपुरा मेडिकल कॉलेज ने इस वर्ष 250 सीटों के लिए आवेदन किया था। लेकिन, निरीक्षण दल ने कहा कि आपकी जो स्थिति है, उस हिसाब से 150 सीटें भी मुश्किल से बचेंगी।
निरीक्षण दल की सदस्य डॉ. चैत्रा का पति रंगे हाथों पकड़ाया

दरअसल, सीबीआई ने जुलाई के पहले हफ्ते में देश में प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों को मान्यता देने के मामले में बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया था। इस मामले में CBI ने कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और मध्य प्रदेश में 40 से अधिक ठिकानों पर छापा मारा था।
इस कार्रवाई के बाद छत्तीसगढ़ के रावतपुरा मेडिकल कॉलेज सहित जांच में शामिल सभी कॉलेज को इस वर्ष जीरो ईयर घोषित कर दिया गया है।
गिरफ्तार आरोपियों में डॉ. मंजप्पा सीएन, डॉ. चैत्रा एमएस, डॉ. अशोक शेलके, अतुल कुमार तिवारी, सथीशा ए और रविचंद्र के. शामिल हैं।
अतुल कुमार तिवारी ने संस्थान के पक्ष में रिपोर्ट बनाने डॉ. मंजप्पा को 55 लाख की रिश्वत ऑफर की। पैसों को हवाला से देने की जानकारी दी। डॉ. मंजप्पा सीएन के सहयोगी सथीश ए ने हवाला कनेक्शन से पैसा लिया। हवाला ऑपरेटर से 55 लाख रुपए इकट्ठा किया। इसके बाद बताए ठिकानों तक पहुंचाया। डॉ. चैत्रा का पति रविचंद्र के ने सथीश से 16.62 लाख रुपए लिए। इसे CBI की टीम ने रविचंद्र को रंगेहाथों पकड़ा है।
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