नई दिल्ली। हरियाणा सरकार ने भाजपा सांसद सुभाष बराला के बेटे विकास बराला को सहायक लॉ ऑफिसर नियुक्त किया है, जिस पर आईएएस अफसर की बेटी से छेड़छाड़ का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। विकास के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चंडीगढ़ की अदालत में चल रहा है जिसमें अगली सुनवाई 2 अगस्त को है। Law Officer Matter
क्या लिखा पीड़ित ने?
उक्त युवती ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लिखा है कि किसी को सार्वजनिक पद पर नियुक्त करना सिर्फ़ एक राजनीतिक फ़ैसला नहीं है – यह मूल्यों और मानकों का प्रतिबिंब है. युवती ने इंस्टाग्राम पर लिखा कि इसलिए शायद सवाल उन अधिकारियों से पूछे जाने चाहिए जिनकी नैतिकता और मानकों के आधार पर यह फ़ैसला लिया गया. हमारे नीति-निर्माता देश चलाते हैं; हममें से बाकी लोग बस यही उम्मीद करते हैं कि उन्हें याद रहे कि वे भारतीय नागरिकों के लिए काम करते हैं।
क्या है विकास बराला पर आरोप
5 अगस्त, 2017 को विकास और उसका एक दोस्त आशीष कथित तौर पर एक आईएएस अधिकारी की बेटी का पीछा किया था जब वह कार से घर को लौट रही थी। इन दोनों ने उस युवती की कार को रोकने की भी कोशिश की थी। लड़की ने तत्काल पहले अपने पिता फिर चंडीगढ़ पुलिस को फोन किया, जिसके बाद पुलिस ने दोनों युवकों को पकड़ लिया। पुलिस ने उनके खिलाफ IPC की धारा 354D और मोटर वाहन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। महत्वपूर्ण है कि उस समय विकास के पिता, सुभाष बराला, हरियाणा BJP के अध्यक्ष थे।
विपक्ष ने खड़े किए सवाल
विकास बराला की मौजूदा नियुक्ति को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों का कहना है कि सरकार ने एक ऐसे व्यक्ति को महत्वपूर्ण पद दिया है जिस पर गंभीर आरोप हैं वहीं, सरकार का कहना है कि नियुक्ति नियमों के अनुरूप की गई है।