- आवेश तिवारी
विगत वर्ष जुलाई माह में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मित्र और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी अपने बेटे अनंत अंबानी की शादी कर रहे थे तो उस विवाह में कांग्रेस के कमलनाथ, डीके शिवकुमार, सुशील कुमार शिंदे और सचिन पायलट जैसे तमाम दिग्गज नेता पहुंचे थे, लेकिन राहुल गांधी नहीं गए। निस्संदेह प्रधानमंत्री मोदी से निकटता की वजह से मुकेश अंबानी और अडानी निरंतर राहुल गांधी के निशाने पर रहे हैं।
राहुल गांधी ने तमाम अवसरों पर सार्वजनिक तौर से अंबानी के बेटे की 5 हजार करोड़ की उस शादी को लेकर फब्तियां भी कसी, ताने भी मारे। कांग्रेस की लगातार हार के बीच एक बात स्पष्ट हो गई कि राहुल गांधी वैचारिक या राजनैतिक विरोध में किसी भी किस्म की मिलावट की गुंजाइश रखने से परहेज कर रहे हैं।
गजब यह रहा कि कांग्रेस के खासतौर से मध्य प्रदेश के नेताओं को यह बात बार-बार बुरी तरह से हारने के बावजूद समझ में नहीं आई। मत भूलिए मध्य प्रदेश वह प्रदेश है जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे अग्रिम पंक्ति की नेताओं के मोदी प्रेम की वजह से कांग्रेस को सत्ता से बेदखल होना पड़ा था।
मध्य प्रदेश कांग्रेस में नया बवाल कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के कुमार विश्वास की बेटी के विवाह समारोह में जाने से पैदा हुआ है। जीतू पटवारी ने कुमार विश्वास को X पर जनकवि और सरस्वती पुत्र भी बता दिया। वैसे तो राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत तमाम नेता उस विवाह के शामिल हुए लेकिन जीतू पटवारी के ट्वीट की वजह से उन पर कार्यकर्ता पिल पड़े।
यह ट्वीट उस दौर में आया है जब कुमार विश्वास अपने बयानों की वजह से लगातार सुर्खियों में हैं। वह सोनिया गांधी को इटली वाली माता, राहुल गांधी को पप्पू कहने की वजह से तो चर्चा में रहे ही हैं हाल के दिनों में वह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सैफ अली खान के पुत्र तैमूर पर अनर्गल टिप्पणी को लेकर विपक्ष के निशाने पर रहे।
यह बात सत्ता के गलियारे में फैल रही है कि जल्द ही कुमार विश्वास को भाजपा से राज्यसभा सदस्य जैसा कोई बड़ा तोहफा मिल सकता है। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी उनकी बिटिया की शादी के पहुंचे थे। यह भी याद रखने की जरूरत है कि कुमार विश्वास की पत्नी को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यकाल में राजस्थान लोक सेवा आयोग का सदस्य बनाया गया था। खैर जीतू के बयान ने समूची मध्य प्रदेश कांग्रेस के असल चेहरे को बेपर्दा कर दिया है।
मध्य प्रदेश में जीतू पटवारी अकेले नहीं हैं। कांग्रेस की समूची अग्रिम पंक्ति उसी लाइन पर चल रही है जिस लाइन पर भाजपा चल रही है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह का पाखंडी बाबाओं और भाजपा की हिंदुत्व वाली लाइन से प्रेम किसी से नहीं छिपा है। दिग्विजय सिंह ने तो रामजन्म भूमि के लिए भी खुलकर 1 लाख 11 हजार 100 रुपए का चंदा भी दिया था।
पिछले माह जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विवादास्पद बाबा धीरेन्द्र शास्त्री के कैंसर अस्पताल का शिलान्यास करने बागेश्वर धाम पहुंचे तो दिग्विजय सिंह ने न केवल नरेंद्र मोदी की तारीफ की बल्कि बागेश्वर धाम के पंडित धीरेन्द्र शास्त्री को भी धन्यवाद दिया । दिग्विजय सिंह बोले कि बुंदेलखंड के क्षेत्र में कैंसर अस्पताल का शिलान्यास किया गया है इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बागेश्वर धाम के बाबाजी को बहुत बहुत बधाई देना चाहता हूँ। उन्होंने आगे बढ़कर यह भी कहा कि यही नारायण सेवा है। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में गरीबों की मदद करते हुए ऐसी संस्थाओं पर ध्यान देंगे तो उसका ज्यादा असर पड़ेगा। यही सनातन धर्म का मार्ग है।
दिग्विजय सिंह द्वारा सनातन धर्म के मार्ग पर चलने का यह बयान उस दौर में दिया गया जब धीरेन्द्र शास्त्री ने यह ऐलान किया था कि जो कुंभ नहाने नहीं जाएगा वह देशद्रोही है। सिर्फ इतना ही नहीं कुंभ में भगदड़ में हुई अकाल मौतों को स्वर्गगामी बता दिया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तो अगस्त 2023 में चुनावों से ठीक पहले बकायदे छिंदवाड़ा में रामकथा का आयोजन किया और उसमें धीरेन्द्र शास्त्री को आमंत्रित कर पूरे परिवार के साथ सेवा सत्कार में जुट गए। उस वक्त धीरेन्द्र शास्त्री बुलडोजर न्याय के समर्थन की वजह से चर्चा में थे तो राहुल गांधी बुलडोजर के सामने खड़ा होने की बात कर रहे थे।
कांग्रेस की राजनीति के एक जानकार पत्रकार साथी कहते हैं कि कमलनाथ को इस बात का कत्तई ऐतराज नहीं है कि उनकी छवि धार्मिक नेता की बन रही है उन्होंने अपने चुनावी क्षेत्र में हनुमान जी की एक विशालकाय मूर्ति की स्थापना भी की है। यकीनन कमलनाथ को कोई परहेज नहीं था कि वह मोदी, शिवराज की लाइन पर चलकर कांग्रेस के लिए बैटिंग कर रहे हैं और यह बात कांग्रेस में सबको पता थी।
मध्य प्रदेश के एक पुराने कांग्रेसी मजेदार बात बताते हैं कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी में एक ‘पुजारी प्रकोष्ठ’ का भी गठन किया गया है इसके अलावा ‘मठ मंदिर प्रकोष्ठ’ और धार्मिक उत्सव प्रकोष्ठ भी बनाए गए हैं।
धीरेन्द्र शास्त्री हो या कुमार विश्वास इन लोगो ने भाजपा और नरेंद्र मोदी के साथ साथ कट्टर हिंदुत्व की राजनीति के प्रति खुद की प्रतिबद्धता को बताने में कभी गुरेज नहीं किया है। मुकेश अंबानी और अडानी भी खुद को मोदी की A और B टाइम मानने ने कोई ऐतराज नहीं है। फिर कांग्रेस के नेताओं को क्या करना चाहिए? कैसे दिखना चाहिए? यह एक बड़ा सवाल है। आप जो हैं जैसे हैं वैसे देखिए भी, कम से कम जनता तो इसे ही पसंद करती है।